Introduction
सरकार ने दो भारतीय सैन्य अधिकारियों - विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी - के नाम से बनाए गए फर्जी एक्स अकाउंट को चिन्हित किया है और लोगों को इन हैंडल से जुड़ने या पोस्ट शेयर करने के खिलाफ चेतावनी दी है। विंग कमांडर व्योमिका सिंह के नाम से एक व्यापक रूप से प्रसारित फर्जी एक्स अकाउंट '@WingVyomikStan' हैंडल से चलता है और खुद को इस तरह से बताता है: 'गर्व से आसमान में सेवा करते हुए, वायु सेना के साथ देश की रक्षा करते हुए। कर्तव्य, सम्मान।'
यह अकाउंट, जिसके 28,000 फॉलोअर्स होने का दावा किया गया है, खुद को प्लेटफॉर्म पर उसकी आधिकारिक मौजूदगी के तौर पर पेश करता है। इसी तरह, एक और फर्जी एक्स प्रोफाइल कर्नल सोफिया कुरैशी के नाम से बना है, जिसमें उन्हें 'बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास बल 18 का नेतृत्व करने वाली पहली महिला' बताया गया है।
भारत द्वारा 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किए जाने के बाद सशस्त्र बलों में लोगों की बढ़ती दिलचस्पी के बीच इन फर्जी अकाउंट्स ने जोर पकड़ा है। प्रेस सूचना ब्यूरो की तथ्य-जांच इकाई ने स्पष्ट किया है कि न तो विंग कमांडर व्योमिका सिंह और न ही कर्नल सोफिया कुरैशी एक्स पर मौजूद हैं।
सरकार ने एक बयान में कहा, "विग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी का कोई आधिकारिक एक्स हैंडल नहीं है। ये दोनों हैंडल फर्जी हैं। सतर्क रहें। प्रामाणिक जानकारी के लिए केवल आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें।" दोनों अधिकारियों ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग में अपनी भूमिका के कारण लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।
ऑपरेशन सिंदूर के लॉन्च के बाद 7 मई को पहली बार मीडिया से मुखातिब होने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी गुजरात की रहने वाली हैं। वह बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट-ग्रेजुएट हैं और उन्हें ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी के ज़रिए कमीशन मिला था। उनके दादा भी भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं। कर्नल कुरैशी ने बहुराष्ट्रीय अभ्यास - फोर्स 18 में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनकर इतिहास रच दिया। भारतीय वायु सेना की पायलट विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने देश के कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में चीता और चेतक हेलीकॉप्टर उड़ाए हैं। उनकी ऑपरेशनल भूमिका और मीडिया में उनकी नियमित उपस्थिति भारत के रक्षा बलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को रेखांकित करती है।
सरकार ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे सामग्री साझा करने से पहले तथ्यों की पुष्टि कर लें तथा सशस्त्र बलों से संबंधित अद्यतन जानकारी के लिए केवल आधिकारिक रक्षा और पीआईबी चैनलों पर ही भरोसा करें।